ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन उपभोक्ताओं को बिना भाग दौड़ किए बिजली कनेक्शन दिए जाने की नई व्यवस्था को लागू करेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को प्रबंधन प्रस्ताव भेज रहा है जिसके तहत बिना किसी उत्पीड़न के उपभोक्ताओं को निर्धारित दर पर बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। नई व्यवस्था लागू होने पर कनेक्शन लेने की दरें बहुत कम हो जाएंगी। उपभोक्ताओं को कम लागत पर कनेक्शन मिल जाएगा।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल का कहना है कि प्रस्ताव तैयार कर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया गया है। आयोग का आदेश मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
एस्टीमेट बनवाने के झंझट से उपभोक्ताओं को राहत
नई व्यवस्था में एस्टीमेट बनवाने के झंझट से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। उपभोक्ता जैसे ही आवेदन करेगा वेबसाइट से ही उसे कनेक्शन की निर्धारित राशि की जानकारी हो जाएगी। कनेक्शन की धनराशि आनलाइन जमा करने से उपभोक्ता निश्चिंत होकर अपने घर रहेगा और निर्धारित समय के अंदर उसे कनेक्शन दे दिया जाएगा।
दो किलोवाट के कनेक्शन में 18900 रुपये तक की होगी बचत
अभी तक दो किलोवाट व 100 मीटर तक के घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदनकर्ता को 21422 रुपये की धनराशि जमा करनी पड़ती थी, अब उपभोक्ता को महज 2522 रुपये ही जमा करने होंगे। इस तरह उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने में 18900 रुपये की बचत होगी। इसी तरह 05 से 10 किलोवाट के घरेलू उपभोक्ता को वर्तमान व्यवस्था में 39157 से 208657 रुपये तक लाइन चार्जेस देना पड़ता है। प्रस्तावित व्यवस्था में मात्र 14957 से 24957 रुपये तक राशि ही जमा करनी होगी। इस व्यवस्था में उपभोक्ता को 183700 रुपये तक की बचत होगी।
250 मीटर की दूरी तक के कनेक्शन पर एस्टीमेट की व्यवस्था खत्म होगी। वर्तमान व्यवस्था में 40 मीटर से अधिक दूरी के कनेक्शन के लिए उपभोक्ता को एस्टीमेट दिया जाता है। इसमें उपभोक्ता उत्पीड़न की उनेक शिकायतें आती थीं। प्रस्तावित व्यवस्था में 150 किलोवाट और 250 मीटर की दूरी तक के उपभोक्ताओं से एस्टीमेट की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब भार के अनुरूप समान एवं नियत धनराशि जमा करनें पर उपभोक्ता को घर बैठे विद्युत संयोजन निर्धारित अवधि में प्राप्त हो जाएगा। इससे कनेक्शन में पारदर्शिता व सुचिता रहेगी। उपभोक्ता का उत्पीड़न नहीं होगा।
अतिरिक्त धनराशि की मांग आवेदक से नहीं की जा सकेगी
प्रस्तावित व्यवस्था के अनुसार विद्यमान लाइन से अधिकतम 250 मीटर की दूरी के अन्तर्गत आने वाले आवेदकों से आवेदन के समय एकमुश्त नियत धनराशि जमा कराई जाएगी। उसके बाद लाइन निर्माण, ट्रांसफार्मर स्थापन, क्षमतावृद्धि इत्यादि कार्य का उत्तरदायित्व डिस्काम का होगा। इस मद में कोई अतिरिक्त धनराशि की मांग आवेदक से नहीं की जा सकेगी।
नई बसावटों की अधिक दूरी के कारण विद्युत संयोजन निर्गत करने में आने वाली कठिनाइयों का भी निराकरण होगा। आवेदक के परिसर की विद्यमान लाइन से दूरी 250 मीटर से अधिक होने पर ही प्राक्कलन तैयार कर उपभोक्ता को अवगत कराया जाएगा। उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल का कहना है कि कारपोरेशन उपभोक्ता हितों के प्रति कृत संकल्पित है। प्रस्तावित व्यवस्था पारदर्शी और उपभोक्ता की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।