ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का अब रोज सूर्य तिलक होगा। इस पावन कार्य की शुरुआत रामनवमी (6 अप्रैल) से होगी। मंदिर निर्माण समिति ने यह फैसला लिया है।
करीब 4 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी। समिति अध्यक्ष और पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि हर दिन सूर्य तिलक की प्लानिंग अभी 20 साल के लिए की गई है। बता दें कि पिछले साल रामनवमी (17 अप्रैल, 2024 ) के दिन रामलला का राजतिलक सूर्य की किरणों से किया गया था। राम मंदिर का शिखर बनकर तैयार होने वाला है। मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना 15 मई तक हो जाएगी।
राम मंदिर का सिस्टम कुछ इस तरह से बनाया गया है कि सूर्य की किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ती हैं। सूर्य तिलक के लिए आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक खास ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है।
इसमें मंदिर के सबसे ऊपरी तल (तीसरे तल) पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी। दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर ये किरणें एक पीतल के पाइप में जाएंगी। पाइप के छोर पर एक दूसरा दर्पण लगा है। इस दर्पण से सूर्य किरणें एक बार फिर से परावर्तित होंगी और पीतल की पाइप के साथ 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी।
दूसरी बार परावर्तित होने के बाद सूर्य किरणें लंबवत् दिशा में नीचे की ओर चलेंगीं। किरणों के इस रास्ते में एक के बाद एक तीन लेंस पड़ेंगे, जिनसे इनकी तीव्रता और बढ़ जाएगी। इसके बाद लंबवत् पाइप जाती है। लंबवत् पाइप के दूसरे छोर पर एक और दर्पण लगा है। बढ़ी हुई तीव्रता के साथ किरणें इस दर्पण पर पड़ेंगी और दोबारा 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी। 90 डिग्री पर मुड़ी ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। इस तरह से राम लला का सूर्य तिलक पूरा होगा।
सूर्य किरणों का यह तिलक 75 मिमी के गोलाकार रूप में होगा। दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी। करीब चार मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को प्रकाशमान करेंगी।
20 साल का प्लान लेकर क्यों चल रही मंदिर समिति
भारतीय खगोलीय भौतिकी संस्थान बेंगलुरु (आईआईए) के रिसर्च के मुताबिक, हर साल सूर्य तिलक का टाइम ड्यूरेशन बढ़ता जाएगा। 19 साल तक टाइम कुछ न कुछ बढ़ेगा। उसके बाद फिर से 2025 की रामनवमी की तरह ही रिपीट होगा। यानी 2025 रामनवमी को सूर्य तिलक जितनी देर का होगा, 19 साल बाद 2044 में भी उतनी ही देर के लिए सूर्य तिलक होगा।
4 प्रमुख द्वारों के नाम तय
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा- राम मंदिर के 4 प्रमुख द्वारों के नाम भी तय हो गए हैं। इनकी घोषणा ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय करेंगे। रामनवमी मेला से पहले मंदिर में अस्थाई कैनेपी और मैट की व्यवस्थाएं हो जाएंगी। जो लोग अयोध्या आ रहे हैं, उन्हें गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने बताया- दूसरी मंजिल पर रामकथा म्यूजियम तैयार है। तय हुआ है कि गैलरी की शुरुआत कर देनी चाहिए। इसकी डेटलाइन अभी फाइनल नहीं की गई है।