ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे एनीमिया बीमारी से जूझ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में 6 से 59 महीने के 53% से ज्यादा बच्चों और महिलाओं को एनीमिया है।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग में महिला का शरीर खुद के साथ-साथ बच्चे के लिए भी खून बनाता है, जिससे आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। ज्यादातर महिलाएं हेल्दी डाइट नहीं ले पातीं, जिससे शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन नहीं मिलता और एनीमिया की शिकार हो जाती हैं।
बिना सोच-समझ के डाइटिंग करने से जरूरी मिनरल्स की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से एनीमिया हो सकता है।
बच्चों में एनीमिया के कारण क्या हैं?
1. बच्चे अगर सिर्फ दूध पर निर्भर रहते हैं तो उन्हें पर्याप्त आयरन नहीं मिल पाता और यह बीमारी हो जाती है।
2 बच्चों को चॉकलेट, स्नैक्स तो मिलते हैं, लेकिन आयरन और फोलिक एसिड से भरपूर खाना कम मिलता है।
3. जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, शरीर को और ज्यादा आयरन की जरूरत होती है, जिसकी कमी से यह समस्या होती है।
एनीमिया से बचने के आसान उपाय
– आयरन से भरपूर खाना खाएं
– खाने में पालक, चुकंदर, अनार, गुड़, दालें, ड्राई फ्रूट्स, सोया, मछली और अंडे शामिल करें।
– विटामिन सी लें। इसके लिए नींबू, संतरा, आंवला जैसे फल खाएं। इससे आयरन जल्दी शरीर में एब्जॉर्ब होता है।
– डॉक्टर की सलाह पर आयरन और फोलिक एसिड की गोली लें, खासकर प्रेगनेंसी में जरूरी होता है।
– अगर लगातार थकावट या सांस फूलने जैसी समस्या है तो डॉक्टर से खून की जांच जरूर करवाएं।
– बच्चों को हेल्दी खाने की आदत डालें । उन्हें हरी सब्जियां, अनाज और फल खाने को दें।
एनीमिया के लक्षण क्या हैं
– लगातार थकान रहना
– चेहरे पर पीलापन
– चक्क र आना
– सांस फूलना
– किसी चीज में ध्यान न लगना
– नाखून टूटना
– बाल झड़ना