ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत की तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने एलसीए तेजस फाइटर जेट में एक साथ उड़ान भरकर दुश्मनों को स्वदेशी ताकत दिखाई है। इस उड़ान का मकसद आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में कॉर्डिनेशन स्थापित करना भी था ताकि जरूरत पड़ने पर एक साथ दुश्मन को धूल चटाई जा सके।
भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस फाइटर जेट की दुनिया कायल है। आर्मी के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, वायुसेना के एयर मार्शल एपी सिंह और नौसेना के वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने तेजस फाइटर जेट की उड़ान भरी। इस उड़ान का मकसद था संयुक्त भागीदारी और सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाना। तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने यह उड़ान इसलिए भी भरी क्योंकि इस समय तीनों सेनाएं आधुनिक चुनौतियों का सामना कर रही है। तीनों को एकसाथ इन चुनौतियों से निपटना भी होगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब तीनों सेनाओं के उप-प्रमुखों ने एक ही अवसर पर एकसाथ उड़ान भरी। यह उड़ान जोधपुर के आसमान पर भरी गई। जोधपुर में हाल ही में भारतीय वायु सेना ने तरंग शक्ति 2024 नाम का मिलिट्री ड्रिल भी किया। यह भारत का पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास है जिसका उद्देश्य इसमें भाग लेने वाले मित्र देशों के बीच कॉर्डिनेशन को बढ़ाना है। इस मिलिट्री एक्सरसाइज में व्यूह रचना भी की गई। इस मिशन में तेजस को शामिल करने से भारत की स्वदेशी रक्षा मुहिम को बढ़ावा मिला।
जानिए तेजस फाइटर जेट की खासियत
एयरोनॉटिकल डिजाइन एजेंसी (एडीए) ने तेजस को डिजाइन किया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसे बनाया है। तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर को लगाया गया है। डीएफसीसी का साधारण भाषा में मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्युअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाना। यानी कंप्यूटर विमान को उड़ाते समय पायलट के मुताबिक संतुलित रखता है। इस सिस्टम से राडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है। फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को स्टेबलाइज करता है। यह विमान को सुरक्षित बनाता है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है तेजस
विमान के उन्नत संस्करण, तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं। यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं। जैसे इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है।
इसके अलावा इसमें बाहर से ईसीएम पॉड भी लगा सकते हैं।
2200 किमी की स्पीड, 739 किमी की कॉम्बैट रेंज
मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है लेकिन यह आकार में उतना ही बड़ा है। यानी 43.4 फीट की लंबाई. 14.5 फीट की ऊंचाई. अधिकतम 2200 किमी की स्पीड से उड़ान भर सकता है। कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है। वैसे इसका फेरी रेंज 3000 किलोमीटर है।