ब्लिट्ज ब्यूरो
ढाका। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंसा थमने के बाद भी फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं है। हसीना सरकार के पतन के बाद से पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। देश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं के लिए स्थिति काफी कठिन हो गई है। अब सामने आया है कि बांग्लादेश में हिंदू शिक्षकों को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया
हिंसा बढ़ने और शेख हसीना द्वारा पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद से अब तक कम से कम 49 अल्पसंख्यक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है। इतना ही नहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कई शिक्षकों पर हमले भी हुए हैं। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद की छात्र शाखा ने इस बारे में जानकारी दी। बांग्लादेश छात्र ओइक्या परिषद के समन्वयक साजिब सरकार ने बताया कि अब तक 49 शिक्षकों से जबरन इस्तीफा ले लिया गया है, हालांकि इनमें से 19 शिक्षकों को बाद में दोबारा बहाल कर दिया गया है।
हसीना के बाद से स्थिति और बदहाल
साजिब सरकार ने बताया कि शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद से स्थिति और खराब हो गई है। अल्पसंख्यकों खास तौर पर हिंदुओं, महिलाओं को हमलों, लूटपाट, मंदिरों में तोड़फोड़, घरों और व्यवसायों में आगजनी और हत्याओं का भी सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि विगत सप्ताह लगभग 50 छात्रों ने अजीमपुर गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल और कॉलेज में प्रिंसिपल बरुआ के कार्यालय पर धावा बोल दिया और उनसे और दो अन्य शिक्षकों से इस्तीफा देने की मांग की। काजी नजरूल विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन और शासन अध्ययन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर शंजय कुमार मुखर्जी ने भी अपनी व्यथा बताई।