सिंधु झा
आगामी समय में भारत अत्याधुनिक मिसाइल के निर्माण में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ ) ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के नाम से हाइपरसोनिक मिसाइल कार्यक्रम को शुरू करके देश के रक्षा क्षेत्र को एक नया आयाम देने की तैयारियों में जुट गया है। यह प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करना है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं में एक बड़ी छलांग साबित होगी।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (एचएसटीडीवी ) के सफल परीक्षणों पर आधारित है। स्क्रैमजेट इंजन द्वारा संचालित एचएसटीडीवी ने हाइपरसोनिक तकनीकों को मान्य करने के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण मंच के रूप में काम किया है। अब, ‘प्रोजेक्ट विष्णु’ के तहत, डीआरडीओ हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए अधिक उन्नत ईंधन टैंक के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यह नई ईंन्धन टैंक तकनीक मौजूदा प्रणालियों से कहीं बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे लंबी दूरी और संभावित रूप से उच्च परिचालन दक्षता की अनुमति मिलती है। यह हाइपरसोनिक तकनीक की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए डीआरडीओ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मालूम हो कि इसी वर्ष यानी 2024 से, डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक मिसाइल के लिए क्रूज वाहन का निर्माण शुरू कर दिया है। यह वास्तविक उड़ान परीक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिछले एचएसटीडीवी परीक्षणों के विपरीत, इस आगामी परीक्षण में केवल एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक नहीं, बल्कि एक पूर्ण विकसित हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रोटोटाइप शामिल होगा।
‘प्रोजेक्ट विष्णु’ में दो अलग-अलग हाइपरसोनिक मिसाइल वेरिएंट के विकास को शामिल किया जाएगा। पहला वेरिएंट सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल होगी जिसकी अनुमानित रेंज लगभग 2,500 किलोमीटर होगी और संभावित रूप से 2025 की शुरुआत में सेवा में आ सकती है।
हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का विकास भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। मैक 5 से अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम ये मिसाइलें बेजोड़ गतिशीलता प्रदान करती हैं और पारंपरिक वायु रक्षा प्रणालियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं।