ब्लिट्ज ब्यूरो
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन की शुरुआत में चीन पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड एक्टिव रहने के लिए बना है और यह किसी के खिलाफ नहीं है। बिना नाम लिए चीन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्वाड के नेता नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान में खड़े हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया में संघर्ष चल रहा है और क्वाड हर संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।
– क्वाड देशों ने की भारत की तारीफ
आर्कमीयर एकेडमी डेलावेयर में क्वाड लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ‘क्वाड का साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करना पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं है। हम सभी नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है। हमने मिलकर स्वास्थ्य, सुरक्षा, उभरती टेक्नोलॉजी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की हैं।’ पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड देशों का पहला शिखर सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में हुआ था। पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत का विजन वन अर्थ, वन फेमिली, वन फ्यूचर का है। हेल्थ भी एक महत्वपूर्ण कारक है। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। यह सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण हेल्थ केयर के लिए हमारे साझे दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। कोविड महामारी के दौरान हमने इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड वैक्सीन इनिशिएटिव लिया था। मुझे खुशी है कि हमने सर्वाइकल कैंसर जैसी चुनौती का मिलकर सामना करने का निर्णय लिया है।
4 करोड़ वैक्सीन देने का किया वादा
पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में कहा कि भारत रेडियोथेरेपी इलाज और कैपेसिटी बिल्डिंग में भी सहयोग करेगा। मुझे खुशी है कि हिंद-प्रशांत देशों के लिए क्वाड की पहलों के अंतर्गत भारत से चार करोड़ वैक्सीन डोज का योगदान दिया जाएगा। ये 4 करोड़ वैक्सीन डोज करोड़ों लोगों के जीवन में आशा की किरणें बनकर आएंगी। जैसी कि आप देख सकते हैं कि जब क्वाड कार्रवाई करता है, तो यह सिर्फ देशों के लिए नहीं होता। यह लोगों के लिए भी होता है। यह हमारे मानव केंद्रित दृष्टिकोण का सच्चा सार है।
भारत में होगा क्वाड समिट?
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा संदेश स्पष्ट है। क्वाड सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है। मैं एक बार फिर राष्ट्रपति बाइडन और मेरे सभी सहयोगियों को बधाई देता हूं। हमें 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स समिट आयोजित करने में खुशी होगी।’ इस साल क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन पहले भारत में होने वाला था पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन इस कार्यक्रम को अपने गृहनगर में आयोजित करने के इच्छुक थे। बाइडन के लिए यह शिखर सम्मेलन किसी विदाई की तरह है क्योंकि उनके राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
भारत की सराहना
हिंद महासागर में भारत की नेवी लगातार एक्टिव है। हूती विद्रोहियों से जहाजों की सुरक्षा से लेकर हाईजैक जहाजों को डाकुओं से छुड़ाकर भारत ने अपनी ताकत दिखाई है। क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका की सराहना की। क्वाड देशों ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व से बहुत कुछ सीखना बाकी है। तीनों नेताओं ने हिंद महासागर में भारत की भूमिका को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन में पीएम मोदी की पहल की सराहना की और इस प्रयास के लिए जापान का समर्थन बढ़ाया।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के नेतृत्व में हिंद महासागर में प्रमुख शक्ति के रूप में भारत की भूमिका बताई। वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिका को हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के अनुभव और नेतृत्व से बहुत कुछ सीखना है।
क्वाड नेताओं का संयुक्त बयान
क्वाड समिट में चारों देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया। इस बयान में कहा गया कि हम एक साथ लगभग दो बिलियन लोगों और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के एक तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम समावेशी, लचीले एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। इंडो-पैसिफिक में चार प्रमुख समुद्री लोकतंत्रों के रूप में हम वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के एक अपरिहार्य तत्व के रूप में इस गतिशील क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए स्पष्ट रूप से खड़े हैं। हम किसी भी अस्थिर या एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जो शक्ति या जबरदस्ती से यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते हैं। हम क्षेत्र में हाल ही में किए गए अवैध मिसाइल प्रक्षेपण, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं, की निंदा करते हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान), प्रशांत द्वीप समूह फोरम (पीआईएफ) और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) सहित क्षेत्रीय संस्थानों के नेतृत्व के लिए सम्मान क्वाड के प्रयासों के केंद्र में है और रहेगा।
मोदी और बाइडेन की बैठक
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी मजबूत है। इससे पहले अमेरिका पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ।