आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारतीय आसमान में उड़ते हुए इंटरनेट कनेक्टिविटी की सीमाएं जल्द ही खत्म हो सकती हैं। दरअसल अभी तक भारत में हवाई जहाजों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहद लिमिटेड है। कुछ ही साल पहले ये सीमित सुविधा दी गई थी, लेकिन अब यह स्थिति बदल सकती है। कैलिफोर्निया स्थित ग्लोबल सैटेलाइट कम्युनिकेशन कंपनी वायसैट, भारतीय आसमान में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने की तैयारी में है। भारत के लिए यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है, खासकर तब जब देश इस साल के अंत में अपने सबसे हाई-टेक सैटेलाइट ‘जीसैट-20’ को लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
दमदार सैटेलाइट का निर्माण
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह सैटेलाइट भारतीय आसमान में इंटरनेट सेवाओं को और भी सुलभ और प्रभावी बना सकता है। इस दमदार सैटेलाइट (हाई थूपुट सैटेलाइट) का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतर्गत यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु द्वारा किया जा रहा है। एक हाई थूपुट सैटेलाइट एक ऐसा कम्युनिकेशन सैटेलाइट होता है, जो पारंपरिक सैटेलाइट्स की तुलना में बहुत हाई स्पीड पर डेटा भेज सकता है।
मील का पत्थर
जीसैट-20 का लॉन्च भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो उड़ान के दौरान इंटरनेट का उपयोग करना चाहते हैं।
इन- फ्लाइट इंटरनेट
इससे न केवल सैटेलाइट आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि क्षमता का पांचवां हिस्सा इन- फ्लाइट इंटरनेट प्रदान करने के लिए आरक्षित किया जा रहा है। रिमोट जगहों को जोड़ना वैश्विक सैटेलाइट कंपनी वायसैट इंक का एक बड़ा उद्देश्य है। इसकी पहले से ही बड़ी उपस्थिति है क्योंकि यह भारतीय सशस्त्र बलों को भी विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
वायसैट का मिशन
हालांकि, भारत में एक बड़ी कमी इन-फ्लाइट इंटरनेट की है। वायसैट और इसरो इस कमी को पूरा करने की उम्मीद कर रहे हैं। सैटेलाइट संचार में वैश्विक दिग्गज माने जाने वाले वायसैट के चेयरमैन और सीईओ मार्क डंकबर्ग ने कहा, इसरो का जीसैट-20 सैटेलाइट इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी देने में मदद करेगा और वायसैट इस मुनाफे वाले संयोजन में सहयोग करना चाहता है। विमान के टेक-ऑफ करने के बाद घरेलू उड़ानों में इंटरनेट की सुविधा नहीं होती।