डा. सीमा द्विवेदी
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे कठोर जीव टार्डिग्रेड्स (वॉटर बीयर या आठ पैरों वाला भालू) को मिशन ‘एक्सिओम-4’ के तहत अंतरिक्ष में भेजेगा।
भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला मई में 14 दिनों के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर होने वाले इस प्रयोग का हिस्सा बनने जा रहे हैं जिसे वॉयेजर टार्डिग्रेड्स का नाम दिया गया है।
इस दौरान अंतरिक्ष में टार्डिग्रेड्स के पुनरुद्धार, प्रजनन का परीक्षण किया जाएगा। टार्डिग्रेड का अर्थ लैटिन में ‘धीमा कदम रखने वाला’ है जो इनकी भालू जैसी हरकत को दर्शाता है।
भारत के लिए महत्व
वॉयजर टार्डिग्रेड्स से मिली जानकारियों की बदौलत जीवन की सीमाओं के बारे में समझ विकसित होगी। यह गगनयान मिशन और उससे आगे के अन्य मिशनों के लिए भी अहम हो सकता है।
प्रयोग का मकसद
इस प्रयोग से पता चलेगा कि टार्डिग्रेड्स अपने डीएनए की सुरक्षा व मरम्मत कैसे करते हैं। ये तीव्र ब्रह्मांडीय विकिरणों का झेलने में सक्षम हैं। इससे वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के तरीके भी खोज पाएंगे।
नए युग में कदम
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत आईएसएस के लिए तैयार हैं। यात्रा इस बात का संकेत है कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग में कदम रख रहा है। राकेश शर्मा के बाद शुभांशु स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
क्या है टार्डिग्रेड्स
टार्डिग्रेड्स को ‘वाटर बियर’ या ‘मॉस पिगलेट’ के नाम से भी जाना जाता है। पानी में रहने वाला यह छोटा आठ पैरों वाला सूक्ष्म जीव है जो किसी भी हालात में जिंदा रह सकता है। इसकी लंबाई 0.3 से 0.5 मिमी के बीच होती है। इन्हें माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है।