ब्लिट्ज ब्यूरो
हरिद्वार। कभी चूल्हा-चौका तक सिमटी महिलाएं अपने परिवार के लिए बड़ा संबल बनी हैं। सिलाई-बुनाई, झाडू, जूट बैग, फ्लावर ज्वेलरी और हेयर बैंड बनाकर न केवल परिवार को आर्थिक विपन्नता से बाहर निकाल रही हैं, बल्कि समृद्धि भी ला रही हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कारण हरिद्वार जिले में स्थित नूरपुर पंजनहेड़ी गांव की 10 महिलाओं की पूरी जिंदगी ही बदल गई है। गांव की बिमला जोशी, सुमन देवी, नीरज देवी, परमजीत कौर, लाली, दुलारी, कंचन जोशी, सोमवीरी, सुनीता व बबीता वर्ष 2017 से पहले पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझी हुई थीं। उनका जीवन चूल्हा-चौका तक सीमित था और आर्थिक तंगी के कारण आवश्यक वस्तुओं से भी समझौता करना नियति बन गया था। किसी तरह ये राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ीं। इन महिलाओं को समूह बनाकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया। महिलाओं को बात समझ में आई और उन्होंने यू-ट्यूब से सिलाई बुनाई के साथ झाडू, जूट बैग, फ्लावर ज्वेलरी और हेयर बैंड बनाना सीखा।
इसके बाद मिशन के आर्थिक सहयोग से राधा स्वामी समूह स्थापित कर इसे रोजगार का आधार बनाया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तरफ से समूह को स्वरोजागर के लिए सरस विपणन केंद्र के पास दुकानें भी दी गईं, जहां ये महिलाएं कार्य करती हैं। ये महिलाएं आज प्रति माह 15 हजार रुपये तक कमा रही हैं।
पाक कला से भी धनार्जन
समूह पाक कला से भी धनार्जन कर रहा है। वर्ष 2020 में समूह ने सरस विपणन केंद्र के पास ‘आंटी जी का ढाबा खोला। शुरुआत में यहां सिर्फ चाय-पकौड़ी मिलती थी, बाद में ग्राहकों की मांग पर भोजन भी परोसा जाने लगा। आज इस ढाबे पर प्रतिदिन 2,500 से 3,000 रुपये की बिक्री होती है। इसी वर्ष 28 जनवरी से 13 फरवरी तक 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान इन महिलाओं ने 3,150 पैकेट भोजन रोशनाबाद स्टेडियम पहुंचाया। कई सरकारी व निजी संस्थाओं की बैठक में भोजन आदि का जिम्मा भी इन महिलाओं को मिलता है।
15 अन्य महिलाओं को किया सशक्त
समूह की शुरुआत करने वाली महिलाओं ने इस समूह से न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि गांव की अन्य 15 महिलाओं को भी रोजगार देकर सशक्त कर रही हैं। ये महिलाएं भी प्रतिमाह आठ हजार रुपये तक कमा रही हैं।
जीवनस्तर में आया सुधार
समूह से जुड़ी महिलाओं के घर पहले कच्चे व सुविधाओं से वंचित थे, लेकिन आज सभी के पास सुविधायुक्त पक्के घर हैं। अब ये महिलाएं अपने बच्चों को अच्छे निजी विद्यालयों में पढ़ा रही हैं।
सबने अलग-अलग उठाई जिम्मेदारी
समूह की अध्यक्ष विमला जोशी ग्राम संगठन समूह व सरस विपणन केंद्र की संचालक, क्लस्टर लेवल फेडरेशन की अध्यक्ष होने के साथ ही सिलाई कला की मास्टर ट्रेनर भी हैं। नीरज देवी समूह की कोषाध्यक्ष है और बैंक सखी के रूप में कार्यरत हैं। बबीता झाडू निर्माण व सुमन देवी ऊनी उत्पाद बनाने की मास्टर ट्रेनर हैं। ढाबा संचालन का जिम्मा परमजीत कौर के पास है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सहकारिता मंत्री, जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी के साथ ही कई संस्थाएं इस समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित कर चुके है।