ब्लिट्ज ब्यूरो
रांची। झारखंड सरकार की ‘मंईयां सम्मान योजना’ में बड़ा फेरबदल हुआ है। हजारों महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं। इससे महिलाओं में नाराजगी है। सरकार का कहना है कि सिर्फ पात्र महिलाओं को ही लाभ मिलेगा। फर्जीवाड़ा करने वालों पर कार्रवाई होगी। इस योजना में महिलाओं को हर महीने 2,500 मिलते हैं। इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
‘मंईयां सम्मान’ झारखंड की महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इससे वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। यह पैसा उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। वे इसे अपनी जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं जैसे, बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च, या कोई छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करना।
हालांकि, हाल ही में इस योजना में एक बड़ा बदलाव आया है। हजारों महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं। इससे राज्य भर में हंगामा मचा हुआ है। हटाई गई महिलाओं का कहना है कि उन्होंने सारे जरूरी दस्तावेज दिए थे। वे इस योजना के लिए पात्र थीं। फिर भी उनके नाम क्यों हटाए गए, यह उन्हें समझ नहीं आ रहा है। योजना से बाहर हुई महिलाएं नाराज हैं। वे सरकार से फिर से जांच की मांग कर रही हैं। उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वे चाहती हैं कि उन्हें न्याय मिले।
योजना का लाभ सिर्फ पात्र महिलाओं को ही मिले
सरकार का कहना है कि योजना का लाभ सिर्फ पात्र महिलाओं को ही मिलना चाहिए। जांच में पाया गया कि कई महिलाएं अपात्र थीं। या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ ले रही थीं। ऐसे मामले लातेहार और पलामू जिलों में सामने आए हैं। लातेहार में 42,432 महिलाओं के नाम हटाए गए हैं क्योंकि वे पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थीं। पलामू में दिसंबर 2024 तक 3,72,937 महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही थीं लेकिन मार्च 2025 में यह संख्या घटकर 2,85,161 रह गई। करीब 88,000 महिलाओं के डेटा में गड़बड़ी पाई गई। इसलिए उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया।
40 लाख महिलाओं का सत्यापन
सरकार ने लाभार्थियों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। आधार सीडिंग का काम भी चल रहा है। पिछले दिनों सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि 40 लाख महिलाओं का सत्यापन हो चुका है। जिनका सत्यापन पूरा हो गया है, उनके खातों में पैसे भेज दिए गए।