ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को अमेरिका से विशेष विमान से भारत लाया गया है। यह विमान दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। यहां आते ही एनआईए की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया और थोड़ी देर बाद कोर्ट में पेश किया।
जेल सोर्स के मुताबिक, राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा। जेल प्रशासन ने इसके लिए जरूरी इंतजाम कर लिए हैं। जांच एजेंसी एनआईए और खुफिया एजेंसी आरएडब्ल्यू की एक जॉइंट टीम तहव्वुर को लेकर बुधवार को अमेरिका से रवाना हुई थी। राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया गया। मुंबई हमले में आतंकियों ने ताजमहल होटल को भी निशाना बनाया था। यहां 31 लोग मारे गए थे। मरने वालों की कुल संख्या 175 थी।
दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राणा के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया था। इसके साथ ही स्वाट कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया था। एयरपोर्ट के बाहर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (सीएपीएफ) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मौजूद रहे। केंद्र सरकार ने इस मामले में एडवोकेट नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के तौर पर नियुक्त किया था। उन्हें तीन साल या फिर केस का ट्रायल पूरा होने तक यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। तहव्वुर ने भारत आने से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। उसने याचिका में पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।
पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बनाई
पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बनाते हुए कहा कि वह कनाडा का नागरिक है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है। उसके पास कनाडा का नागरिकता है।
पाकिस्तान अपने उन नागरिकों को दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति देता है जो कनाडा में जाकर बस गए हैं। तहव्वुर राणा को 2009 में एफबीआई ने गिरफ्तार किया था। उसे अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब तक वह लॉस एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए। ये हमले चार दिनों तक चले। इन हमलों में कुल 175 लोग मारे गए, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए।
राणा को भारत लाने को लेकर बुधवार को होम मिनिस्ट्री में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मीटिंग की थी।
राणा का रोल साबित हुआ : अमेरिका
अमेरिकी सरकार का कहना है, ‘हेडली ने बताया है कि राणा ने एक शख्स को आदेश दिया कि वो हेडली के लिए मुंबई में फर्स्ट वर्ल्ड ऑफिस खोलने से जुड़ी फर्जी कहानी को सच दिखाने वाले डॉक्यूमेंट्स बनाए। राणा ने ही हेडली को सलाह दी कि भारत विजिट करने के लिए वीजा कैसे हासिल करना है। ये सारी बातें ईमेल और अन्य दस्तावेजों से प्रमाणित हुई हैं।’
भारत द्वारा प्रत्यर्पण के लिए उठाए 5 कदम
– 2011 में एनआईए ने राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
– भारत ने 4 दिसंबर 2019 को पहली बार डिप्लोमैटिक चैनल्स से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की।
-10 जून 2020 को राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की।
– फरवरी 2021 में भारत ने आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी न्याय विभाग को नोट भेजा।
-22 जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए।