ब्लिट्ज ब्यूरो
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि इस्लाम कुछ परिस्थितियों और कुछ शर्तों के साथ एक से अधिक शादी की अनुमति देता है, लेकिन इस अनुमति का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जाता है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि प्रारंभिक काल में विधवाओं और अनाथों को युद्ध के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए कुरान के तहत बहु विवाह की सशर्त अनुमति दी गई थी। अब उस प्रावधान का दुरुपयोग पुरुषों द्वारा स्वार्थी उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने मुरादाबाद के मैनाधर थाने में दर्ज मुकदमे के आरोपी फुरकान की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। फुरकान ने आईपीसी की धारा 376, 494, 120-बी, 504, 506 के तहत दर्ज मामले में आरोप पत्र, संज्ञान और सम्मन आदेश को रद करने की मांग में याचिका दाखिल की है। आरोप है कि फुरकान ने पहले से ही विवाहित होने की जानकारी दिए बिना पीड़िता से शादी कर कर ली और कि शादी के पहले उसके साथ रेप किया।