ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी / सीटीईटी) में पिछड़ा वर्ग, अतिपिछड़ा वर्ग और सामान्य महिला अभ्यर्थी 150 में 82 अंक लाने पर ही उत्तीर्ण माने जाएंगे। पूर्व में इन वर्गों के लिए उत्तीर्ण होने का न्यूनतम अंक 82.5 था। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। विभाग ने कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एनसीटीई के द्वारा जारी दिशा-निर्देश के आलोक में यह फैसला किया गया है।
विभाग के मुताबिक बिहार में ओबीसी, ईबीसी को 60 की जगह 55 प्रतिशत अंक पर उत्तीर्ण माना जाता है। 150 का 55 प्रतिशत 82.5 होता है। इसलिए 82.5 अंक पर उत्तीर्ण होते थे पर कोर्ट के आदेश पर एनसीटीई ने 82.5 की जगह 82 पर ही उत्तीर्ण किये जाने की बात कही है।
टीईटी में अन्य बदलाव नहीं किये गये हैं। मालूम हो कि बिहार में अनुसूजित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थी टीईटी में 50 प्रतिशत अंक पर उत्तीर्ण माने जाते हैं। सामान्य के लिए उत्तीर्णता का न्यूनतम अंक 60 प्रतिशत है।
शिक्षा विभाग ने बीपीएससी टीआरई-3 के चयनित अभ्यर्थियों को जिला आवंटन के लिए विभागीय कमेटी का गठन कर दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने लिखा है कि छूटे हुए अभ्यर्थियों को जिला आवंटन की कार्रवाई जल्द ही की जाएगी ताकि 19-20 मार्च को तय काउंसलिंग कराई जा सके।