ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 मई को पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुई कार्रवाई और अन्य प्रतिबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के साथ होने वाले व्यापार समझौते (ट्रेड डील) पर भी बयान दिया।
एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता स्थगित ही रहेगा और यह तब तक स्थगित रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के साथ अपने संबंधों को पूरी तरीके से खत्म नहीं कर देता है। उन्होंने कहा, “अब कश्मीर को लेकर अगर चर्चा के लिए विषय बचा है तो सिर्फ एक ही है, पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को खाली कराना और इस पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं और पीओके के मुद्दे पर भारत को किसी भी तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं है।”
इस बीच सिंधु जल समझौते के स्थगित होने से पाकिस्तान का हलक सूखने लगा है और वह सिंधु नदी के पानी के लिए भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। पाकितान ने भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि भारत सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के अपने निर्णय पर एक बार पुनर्विचार करे क्योंकि पाकिस्तान की बड़ी जनसंख्या खेती और पीने के पानी के लिए सिंधु नदी के जल पर ही निर्भर है। भारत ने 13 मई को ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि पाकिस्तान के साथ हुआ युद्धविराम समझौता उनके पहले की गई कार्रवाईयों को किसी तरह से प्रभावित नहीं करता है, जिसमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना भी शामिल है।
आतंकवाद को लेकर बोले विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद के विषय पर ही होगी। –
आतंकवाद को लेकर भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया। जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई को लेकर हम लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समर्थन मिला।”इसके अलावा, विदेश मंत्री जयशंकर ने 14 मई को भारत सरकार और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर एक बयान दिया है। “किसी भी ट्रेड डील का दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होना बेहद जरूरी है।”
एक समाचार एजेंसी से विदेश मंत्री ने 15 मई को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर बातचीत चल रही है। ये बातचीत काफी जटिल हैं। जब तक सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन जाती, तब तक इसमें कुछ भी तय नहीं होता और जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक उस बात पर कोई भी नतीजा निकालना जल्दबाजी होगी।