ब्लिट्ज ब्यूरो
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इमिग्रेशन नियमों में बड़े बदलावों का एलान किया है। इस वजह से अब ब्रिटेन में पढ़ाई और नौकरी करना पहले के मुकाबले ज्यादा मुश्किल होने जा रहा है। ब्रिटेन का स्टूडेंट वीजा या वर्क वीजा हासिल करने की सोच रहे भारतीयों के लिए चीजें कठिन हुई हैं। सरकार का मुख्य मकसद देश में विदेशी लोगों की संख्या कम करना है, जिस वजह से नए इमिग्रेशन नियम लाए गए हैं। आइए ब्रिटेन में हुए 5 बड़े बदलाव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
वर्क वीजा के कड़े हुए नियम
ब्रिटेन के स्किल वर्क वीजा हासिल करने की शर्तों में प्रमुख बदलाव हुआ है। अब सिर्फ उन्हीं विदेशी वर्कर्स को स्किल वर्क वीजा मिलेगा, जिनके पास डिग्री-लेवल की क्वालिफिकेशन है। हालांकि, कुछ ऐसे सेक्टर्स हैं, जहां हमेशा नियुक्तियों के लेकर चुनौतियां बनी रहती हैं। ऐसे सेक्टर्स में एजुकेशन क्वालिफिकेशन कम होने पर भी वीजा मिलेगा। सरकार ब्रिटेन के बाहर टॉप यूनिवर्सिटीज से पढ़ने वाले छात्रों को वर्क वीजा देने के लिए भी नई शर्तों का एलान करने पर विचार कर रही है।
पीआर की राह मुश्किल
ब्रिटेन में पहले ‘इंडेफिनेट लीव टू रिमेन’ (आईएलआर) हासिल करने के लिए पांच साल तक देश में रहना पड़ता था। सरकार ने अब इस अवधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है। आसान भाषा में कहें तो ब्रिटेन में परमानेंट रेजिडेंसी (पीआर) पाने के लिए 10 साल देश में रहना होगा। हालांकि, सरकार ‘अर्न्ड सेटलमेंट’ सिस्टम लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत ब्रिटिश अर्थव्यवस्था और समाज में योगदान देने वाले लोगों को प्वाइंट्स मिलेंगे, जो उन्हें जल्दी पीआर भी दिला सकता है।
पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा की घटी अवधि
ब्रिटेन में पढ़ने वाले छात्रों को ग्रेजुएट वीजा मिलता है, जिसे पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा भी कहते हैं। इसके जरिए विदेशी छात्र ग्रेजुएशन के बाद दो साल तक देश में काम कर सकते थे, जिसे घटाकर अब 18 महीने कर दिया गया है। सरकार विदेशी छात्रों की ट्यूशन फीस से इंग्लैंड की यूनिवर्सिटीज को होने वाली कमाई पर 6 फीसदी टैक्स लगाने का भी प्लान बना रही है। इस पैसे का इस्तेमाल हायर एजुकेशन और स्किल सिस्टम के लिए किया जाएगा।
अंग्रेजी भाषा में कुशल होना जरूरी
ब्रिटेन की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। नए नियमों के तहत, हर तरह के वर्क वीजा के लिए अंग्रेजी भाषा की जरूरत को बढ़ा दिया गया है। वीजा होल्डर्स के वयस्क आश्रितों को बेसिक लेवल की अंग्रेजी आना जरूरी है। स्पाउजल और पार्टनर रूट के तहत अंग्रेजी आने पर भी क्वालिफाई माना जाएगा। ब्रिटेन में बसने की सोच रहे या फिर वीजा की अवधि बढ़ाने का विचार कर रहे लोगों को दिखाना होगा कि उनकी अंग्रेजी भाषा पर पकड़ पहले से अच्छी हुई है।
परिवार को ब्रिटेन में लाना कठिन
ब्रिटिश सरकार इमिग्रेशन मामलों में एक नया नियम लाने वाली है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार यूरोपीय मानवाधिकार कानून के तहत परिवार के अधिकारों को और स्पष्ट करना चाहती है। इससे यह पता चलेगा कि ये अधिकार इमिग्रेशन मामलों में कैसे लागू होंगे। सरकार ने यह भी कहा है कि संसद को एक ऐसा ढांचा बनाने का अधिकार मिलेगा जिससे ब्रिटेन में बिना अनुमति के रहने वाले लोगों को हटाने में देरी न हो। सरकार परिवार के अधिकारों के इस्तेमाल को सीमित करना चाहती है।