मुंबई। लगभग 7 साल के इंतजार के बाद कोस्टल रोड पूरी क्षमता के साथ खुल गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में 10.58 किमी लंबा कोस्टल रोड दोनों तरफ से आवागमन के लिए खोल दिया गया। मुंबईकर 27 जनवरी से मरीन ड्राइव टू बांद्रा और बांद्रा टू मरीन ड्राइव सिर्फ 15 मिनट में पहुंच रहे हैं। मुंबई कोस्टल रोड प्रतिदिन सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक वाहनों के लिए खुला रहता है। मुंबईकर मरीन ड्राइव से कोस्टल रोड, वर्ली-बांद्रा सी लिंक होते हुए वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पकड़ कर दहिसर तक सिग्नल फ्री सफर कर रहे हैं।
मुंबईकरों ने कोस्टल रोड का 7 साल तक इंतजार किया। इसकी डेडलाइन बढ़ने के कारण निर्माण की लागत 8,000 करोड़ से बढ़कर 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो मूल लागत की 61% वृद्धि है। वहीं, कोस्टल रोड को पांचवें चरण में पूरी क्षमता के साथ खोला गया है। इसके साथ ही वर्ली, प्रभादेवी, लोअर परेल, लोटस जंक्शन आदि क्षेत्रों के यात्रियों के लिए तीन इंटरसिटी रूट भी खुल गए हैं।
2 साल की देरी, खुलना था दिसंबर, 2023 में
मुंबईकरों ने कोस्टल रोड का 7 साल तक इंतजार किया। कोस्टल रोड का निर्माण कार्य अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था, तब बीएमसी ने इसे दिसंबर 2023 में खोलने का दावा किया था लेकिन बीएमसी नाकाम रही। बीएमसी ने पांचवें चरण में इसे पूरी क्षमता के साथ खोल दिया है। पहले चरण में बिंदु माधव ठाकरे चौक (वर्ली) से मरीन ड्राइव तक साउथ लेन (9.29 किमी) 11 मार्च 2024 को खोला गया था। उसके बाद 10 जून को मरीन ड्राइव से हाजी अली होते हुए लोटस जंक्शन तक नार्थ लेन (6.25 किमी) को खोला गया। इसके बाद खान अब्दुल गफ्फार खान रोड को हाजी अली से बांद्रा-वर्ली सी लिंक (अस्थायी रूप से, 3.5 किमी) से जोड़ने वाली लेन 11 जुलाई 2024 को खोल दी गई है। फिर बांद्रा की ओर से मरीन ड्राइव की तरफ आने के लिए 13 सितंबर, 2024 को शुरू किया गया।
श्रेय को लेकर विवाद
कोस्टल रोड निर्माण के श्रेय को लेकर भी राजनीतिक दलों के बीच विवाद है। शिवसेना (अविभाजित) दावा करती है कि इसकी कल्पना उद्धव ठाकरे ने की थी। वहीं, बीजेपी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दावा है कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी और राज्य में महायुति सरकार बनने के बाद केंद्र से सभी परमिशन उन्होंने ली थी।
होर्डिंग को लेकर विवाद
कोस्टल रोड पूरी क्षमता के साथ खुला भी नहीं था कि उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीएमसी, बीजेपी और शिंदे सेना के दबाव में कोस्टल रोड की खाली जगह पर होर्डिंग लगाने की परमिशन दे रही है। बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने इसका खंडन किया था।
अहम पहलू
– वर्ष 1967 में कोस्टल रोड की एसआरडीपी बनी थी
– 19 एजेंसियों से परमिशन लेनी पड़ी
– सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद 2018 में काम शुरू
– मलबार हिल पहाड़ी और समुद्र के नीचे टनल बनाना बड़ी चुनौती थी