ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गत 27 अक्टूबर को वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की घोषणा की है। इस दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा। इसके तहत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘एसआईआर का फेज वन समाप्त हो चुका है, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।’ उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘हर चुनाव से पहले इलेक्टोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।’ हालांकि इस बार एसआईआर की यह प्रक्रिया पहले से काफी अलग और आसान होने जा रही है।
बिहार से कितना अलग एसआईआर 2.0?
बिहार में पहले चरण के दौरान मतदाताओं को पात्रता साबित करने के लिए अपने एन्यूमरेशन फॉर्म के साथ दस्तावेज़ की हार्ड कॉपी जमा करनी पड़ती थी लेकिन अब एसआईआर 2.0 में ऐसा नहीं होगा। अब वोटर्स को किसी तरह का पेपरवर्क करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मतदाता केवल दस्तावेज़ की स्कैन कॉपी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। इन 12 दस्तावेजों में बिहार एसआईआर के दौरान सुझाए गए 11 दस्तावेजोंं के साथ अब आधार कार्ड को भी जोड़ा गया है।
कौन करेगा पेपरवर्क?
ज्ञानेश कुमार के अनुसार, लगभग 60 से 70 प्रतिशत मतदाताओं के नाम पुराने और नए वोटर लिस्ट में पहले ही मैप हो चुके हैं। केवल वे लोग, जिनके या उनके माता-पिता के नाम दोनों सूचियों में नहीं हैं, उन्हें दस्तावेज जमा करने की जरूरत होगी। साथ ही मतदाताओं की सुविधा के लिए एक स्कैनिंग ऑप्शन भी दिया गया है, जिससे वे घर बैठे दस्तावेज अपलोड कर सकें। अब डुप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि अगर कोई मतदाता दो बार एन्यूमरेशन फॉर्म भरता है तो उसका नाम खुद-ब-खुद हटा दिया जाएगा। उन्होंने मतदाताओं से अपील की, ‘कृपया एक ही जगह से एन्यूमरेशन फॉर्म भरें। दो जगह से फॉर्म भरने पर कार्रवाई की जा सकती है।’ यह भी स्पष्ट किया गया कि असम में फिलहाल एसआईआर नहीं होगा, क्योंकि राज्य में नागरिकता से जुड़े अलग नियम हैं। असम के लिए विशेष तारीख अलग से घोषित की जाएगी।
एसआईआर अभियान में कब क्या
28 अक्टूबर से 3 नवंबर- प्रिटिंग एंड ट्रेनिंग
4 नवंबर से 4 दिसंबर- घर-घर जाकर सत्यापन
ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट- 9 दिसंबर तक
आपत्ति, दावे-9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक
सुनवाई, सत्यापन-9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026
फाइनल वोटर लिस्ट- 7 फरवरी 2026
आधार कार्ड समेत ये डॉक्यूमेंट मान्य
आधार कार्ड
पेंशनर आई कार्ड
कोई सरकारी पहचान पत्र
जन्म प्रमाणपत्र
पासपोर्ट
हाईस्कूल मार्कशीट
वन अधिकार प्रमाणपत्र
स्थायी निवास प्रमाणपत्र
जाति प्रमाणपत्र
राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) में नाम
फैमिली रजिस्टर में नाम
रजिस्ट्री जैसे भू रिकॉर्ड































