संदीप सक्सेना
नई दिल्ली। सरकार ने किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये के खर्च के साथ पीएम- आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया है कि 2025-26 तक कुल वित्तीय खर्च 35,000 करोड़ रुपये का होगा।
पीएम- आशा योजना
पीएम-आशा किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना है। वहीं, सरकार ने किसानों को सस्ती दरों पर फसल पोषक तत्व मुहैया कराने के लिए आगामी रबी फसल सत्र के लिए फॉस्फेट एवं पोटाश (पीएंडके) से युक्त उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को मंजूरी दी। इस निर्णय का उद्देश्य किसानों को सब्सिडी-युक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
किसानों को राहत
सरकार उर्वरक निर्माताओं/ आयातकों के जरिये किसानों को सब्सिडी कीमत पर 28 किस्मों के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम-आशा स्कीम को जारी रखने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से न केवल किसानों को अपनी फसल का लाभकारी मूल्य मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रबी सत्र के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के सरकार के फैसले से किसानों की आदान लागत कम करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।