ब्लिट्ज ब्यूरो
नागपुर। महायुति गठबंधन के नेताओं ने नागपुर में लाडली बहन के कार्यक्रम में जोरदार चुनावी प्रचार किया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में और ज्यादा पावर से सत्ता में आती है तो भुगतान दोगुना कर देंगे। अभी इस योजना के तहत महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भुगतान किया जा रहा है। शिंदे की मानें तो अगली महायुति की सरकार में इसे 3000 रुपये मासिक कर दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने भी चुनावी मुद्दे पर अपनी बात रखी।
विपक्ष इस योजना को बंद करने की कोशिश कर रहा
महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी दी कि विपक्ष इस योजना को बंद करने की कोशिश कर रहा है। शिंदे ने अपनी बात रखने के लिए बॉलीवुड की झलक दिखाई और कहा, ‘यह तो ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी है।’
ज्यादा सीटों से जिताने की अपील
सीएम ने कहा, ‘हम मासिक भुगतान को 2,500 रुपये और फिर 3,000 रुपये तक ले जाएंगे। हमारा इरादा इससे कहीं अधिक देने का है। इसके लिए आपको हमें अधिक शक्ति देनी होगी।’
क्या बोले शिंदे, अजित और फडणवीस
शिंदे ने कहा कि विपक्ष इसलिए शोर मचा रहा है क्योंकि उसे इस योजना की लोकप्रियता का एहसास हो गया है और उसे इसके राजनीतिक नतीजों का डर है। अजित पवार ने कहा, ‘नवंबर में चुनाव होंगे और अगर आप हमें सत्ता में लाते हैं, तो मैं वादा करता हूं कि यह योजना अगले पांच साल तक जारी रहेगी।’ एनसीपी प्रमुख ने कहा कि यह योजना गरीबी से पीड़ित महिलाओं के लिए बहुत मददगार है, उन्होंने कहा कि विपक्ष यह नहीं समझता…(क्योंकि) वे चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं।
विपक्ष पर निशाना
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में इस योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका के पीछे थी। उन्होंने कहा, ‘यह विपक्ष का असली चेहरा है।’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज चौहान ने भी ऐसी ही योजना शुरू की थी और इससे वहां महिलाओं को काफी मदद मिली थी।
शिंदे ने कहा कि पहले चरण में सरकार ने 1.07 करोड़ महिला लाभार्थियों के बैंक खातों में वित्तीय सहायता जमा की है। दूसरे चरण में 52 लाख लाभार्थियों को कवर किया गया है और सरकार ने उनके बैंक खातों में 1,562 करोड़ रुपये जमा किए हैं। उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब है कि अब तक करीब 1.60 करोड़ लाभार्थियों को लाडली बहन योजना के तहत वित्तीय सहायता मिली है।’