ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के बड़े देशों के बीच सबसे दमदार ढंग से बढ़ रही है। हाल में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मार्च तक के 3 महीनों में इंडिया का जीडीपी 7.4% बढ़ा। यह अनुमान से बेहतर प्रदर्शन रहा और इसके चलते पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% रही। इसमें कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन और सरकारी योजनाओं के चलते ग्रामीण इलाकों में लोगों के खर्च बढ़ा पाने का बढ़ा योगदान रहा।
जीडीपी में निजी उपभोग की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2004 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर 61.4% पर पहुंच गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘भारत की ग्रोथ बनी हुई है। लगातार चौथे साल यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी बना रहा। छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों के चलते हमारी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज कैपेसिटी अच्छी बनी हुई है। कृषि का प्रदर्शन कोविड और उसके बाद भी अच्छा बना हुआ है।
क्या होगा आगे?
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी.ए. नागेश्वरन ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 6.3-6.8% जीडीपी ग्रोथ के अनुमान पर सरकार कायम है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कंजम्पशन, ग्रामीण इलाकों में आए सुधार और सर्विसेज एक्सपोर्ट के दमदार प्रदर्शन से मदद मिलेगी। रबी सीजन की अच्छी फसल और अच्छी खरीदारी के चलते फूड इंफ्लेशन भी नरम बनी हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े काफी दमदार हैं। कृषि और सेवा क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन ने सपोर्ट किया। शहरी बाजारों के कुछ हिस्सों में डिमांड कम रहने से मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ा। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए ग्रोथ 6.4-6.6% की रेंज में मेंटेन की जाएगी।’ क्रिसिल के चीफ इकनॉमिस्ट डी के जोशी ने कहा, ‘आरबीआई के रेट कट और मिडिल क्लास को टैक्स राहतों के असर से मौजूदा वित्त वर्ष में शहरी कंजम्पशन भी मजबूत होने की उम्मीद है। हालांकि इनवेस्टमेंट डिमांड नरम रह सकती है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% रहेगी।