ब्लिट्ज ब्यूरो
दतिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दतिया में प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध मां पीतांबरा पीठ मंदिर में पूजा-अर्चना की। केंद्रीय गृह मंत्री का स्वागत पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया, जो उनके साथ मंदिर गए थे। पूजा-अर्चना करने के बाद, शाह झांसी लोकसभा क्षेत्र के ललितपुर के लिए रवाना हुए, जहां उनका चुनाव अभियान के तहत भाजपा उम्मीदवार के लिए एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने का कार्यक्रम था।
दतिया के पीतांबरा पीठ पर यूं तो राजनेताओं का तांता लगा रहता है। अमित शाह इससे पहले भी यहां दर्शन करने आ चुके हैं।
पीतांबरा पीठ का इतिहास
मध्य प्रदेश के दतिया में मां बगलामुखी का मंदिर धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। इस मंदिर की स्थापना सन1935 में हुई थी। इसे ‘पीतांबरा पीठ’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण ‘स्वामीजी महाराज’ ने दतिया नरेश के सहयोग से किया था। पूर्व में इस स्थान पर एक शमशान था। मंदिर में मां बगलामुखी और धूमावती देवी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसके साथ ही हनुमान जी, काल भैरव, परशुराम आदि अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी हैं। मंदिर के परिसर में एक संस्कृत पुस्तकालय भी है, जहां साधक गुप्त मंत्रों से संबंधित पुस्तकें खरीद सकते हैं।
1962 के चीन युद्द का किस्सा
1962 में, जब भारत और चीन के बीच युद्ध आरंभ हुआ, तब मां पीतांबरा सिद्धपीठ के पुजारी बाबा ने देश की रक्षा के लिए मंदिर में एक हवन किया। उन्होंने फौजी अधिकारियों और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर मां बगुलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडीय महायज्ञ कराया। इस प्रयास का परिणाम यह था कि युद्ध के 11वें दिन ही चीन ने अंतिम आहुति के साथ अपनी सेनाओं को वापस ले लिया।
– पूरे भारत के श्रद्धालुओं की आस्था का है केंद्र
वीवीआईपी भक्त
वैसे तो मंदिर में राजनीतिज्ञों का जमावड़ा लगा रहता है, लेकिन यहां कई बड़े नेताओं ने अपने संकट के समय में यज्ञ करवाया है। वसुंधरा राजे सिंधिया, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, और अन्य नेताओं ने यहां मां की विशेष पूजा-अर्चना की है। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने तीन बार मां पीतांबरा देवी के दर्शन किए हैं। पहली बार 1979 में, दूसरी बार 1980 में, चुनाव के पहले, और तीसरी बार जब वे प्रधानमंत्री बन गईं तब। इंदिरा गांधी ने मां पीतांबरा देवी के आचार्य को भी दिल्ली बुलाया था और अपने निवास पर मां पीतांबरा का अनुष्ठान यज्ञ करवाया था। इसके बाद, राजीव गांधी भी पीएम बनने के बाद मंदिर आए। राहुल गांधी भी यहां दर्शन कर चुके हैं।