ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने आरोप लगाया कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था।
टीडीपी ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए। उधर, वाईआरएस कांग्रेस ने इस विवाद पर हाईकोर्ट का रुख किया है। पार्टी ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। इससे पहले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि पिछले 5 साल में जगन मोहन सरकार और वाईएसआरसीपी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। तिरुपति मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है।
अयोध्या भी भेजे गए थे लड्डू
अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि, क्या इस साल की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी तिरुपति के लड्डू भेजे गए थे। दरअसल उस वक्त मीडिया में ऐसी कई रिपोर्ट्स छपी थीं जिनमें कहा गया था कि, इस उत्सव को खास बनाने के लिए प्रसिद्ध तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम ने एक लाख छोटे लड्डू अयोध्या भेजने का फैसला किया है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम ने राम मंदिर उत्सव के दौरान लड्डू भेजे थे या नहीं।
भड़का आरएसएस
इसी बीच आरएसएस के मुख पत्र पांचजन्य ने तिरूपति मंदिर के लड्डुओं को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। पांचजन्य ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता ! तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलाई जा रही थी जानवरों की चर्बी, सुअर की फैट और मछली का तेल।
टीडीपी प्रवक्ता का दावा
इस मामले पर टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की ओर से उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि हुई है। नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी। इस रिपोर्ट में घी के नमूने में पशु की चर्बी, लार्ड (सुअर की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी का दावा किया गया है।