ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा दिल्ली सरकार के 24 अस्पतालों के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। अब इस मामले की शिकायत पर केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) ने संज्ञान लिया और मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) को कहा। इसी बीच विजेंद्र गुप्ता ने लोकनायक अस्पताल परिसर में बनाए जा रहे ब्लॉक के निर्माण कार्य स्थल का आज औचक निरीक्षण किया और इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने अधिकारियों से अस्पताल परिसर में बनाए जा रहे ब्लॉक के निर्माण की जानकारी ली।
इस तरह हुआ भ्रष्टाचार
विजेंद्र गुप्ता ने भ्रष्टाचार करने का तरीका बताते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने 2020 में लोकनायक अस्पताल में 1570 बेड वाले 22 मंजिला ब्लॉक को बनाने की योजना बनाई थी। शुरुआत में इसके निर्माण की अनुमानित लागत 710 करोड़ रुपए लगाई गई थी। इसका निर्माण नवंबर 2020 में शुरू करके 30 महीने में यानी मई 2023 तक पूरा किया जाना था। विभागीय प्रक्रिया पूरी कर जब टेंडर निकाला गया तो उसमें निर्माण की लागत 533 करोड़ रुपए बताई गई। यह टेंडर लगभग 13 फीसदी कम रेट पर यानी 465 करोड़ रुपये में एक एजेंसी को अवार्ड कर दिया गया।
710 करोड़ के टेंडर को 533 कैसे दिखा दिया
गुप्ता ने कहा कि आरंभिक लागत 710 करोड़ रुपए के टेंडर को जानबूझकर 533 करोड़ में निकालकर भ्रष्टाचार का बीज बोया गया। उपकरणों की संख्या कम कर दी गई, ताकि बाद में उसे बढ़ाकर भ्रष्टाचार किया जा सके। यही कारण है कि 465 करोड़ रुपए की निर्माण लागत आज 4 साल में बढ़कर 1135 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है और निर्माण कार्य 50 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है।