ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आजकल फ्रांस रॉकेट की रफ्तार से राफेल फाइटर जेट्स का निर्माण कर रहा है। अमेरिका के बाद फ्रांस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार बेचने वाला देश बन चुका है। भारत द्वारा राफेल जेट्स खरीदे जाने के बाद से दुनिया के अन्य देशों की रुचि भी इसमें बढ़ी। फ्रांस ने सबसे ज्यादा हथियार भारत को बेचे हैं जो लगभग उसके कुल निर्यात का 30 प्रतिशत हिस्सा है।
इसके अलावा भी भारत अपने एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनाती के लिए राफेल मरीन का एक बड़ा ऑर्डर फ्रांस को दे सकता है। इसके लिए दोनों देश समझौते के काफी करीब पहुंच गये हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार 29 राफेल मरीन के ऑर्डर दे सकती है जिसे फ्रांस साल 2029 तक सप्लाई करेगा। भारत के अलावा कोलंबिया, मोरक्क ो और इराक सहित कई अन्य देश भी राफेल का ऑर्डर देने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक डसॉल्ट एडवांस एफ4 और एफ5 वेरिएंट के लिए भी कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है।
एसआईपीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांस ने अपने सबसे ज्यादा हथियार (42 प्रतिशत) एशिया और ओशिनिया देशों को बेचे हैं जबकि 34 प्रतिशत मध्य पूर्वी राष्ट्रों को बेचे हैं। एसआईपीआरआई की शोधकर्ता कैटरीना जोकिक ने कहा कि फ्रांस निर्यात के माध्यम से अपनी हथियार इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए मजबूत वैश्विक मांग का फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि फ्रांस यूरोप के बाहर अपने लड़ाकू विमानों को बेचने में काफी कामयाब रहा है। अपने डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए फ्रांस ने अपने स्टारफाइटर जेट-डसॉल्ट राफेल के उत्पादन को काफी तेजी से बढ़ा दिया है। फ्रांस की कोशिश अपने भागीदरों को ज्यादा से ज्यादा राफेल फाइटर जेट बेचने की है। ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस को पीछे छोड़कर फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया है। 2014-18 और 2019-23 के बीच फ्रांसीसी हथियारों की बिक्री में 47 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली।
राफेल फाइटर जेट के निर्यात में जबरदस्त उछाल
एशिया में फ्रांस ने भारत, मिस्र और कतर जैसे देशों को भारी संख्या में राफेल लड़ाकू विमानों की डिलीवरी की है। डसॉल्ट राफेल कई देशों के लिए पसंदीदा लड़ाकू विमान बन गया है। फ्रांसीसी एयरफोर्स और स्पेस फोर्स के अलावा राफेल को मिस्र, भारत, कतर, यूएई, ग्रीस, क्रोएशिया, इंडोनेशिया और सर्बिया सहित आठ देशों की वायु सेनाओं ने खरीदा है।
इनमें से यूएई ने 2021 में 80 लड़ाकू विमानों का सबसे बड़ा ऑर्डर दिया है। बिक्री में उछाल ने प्रोडक्शन को लगातार बनाए रखा है। डसॉल्ट एविएशन ने राफेल की अपनी पूरे साल की बिक्री में इजाफे की रिपोर्ट दी है। यह इजाफा भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से भी है। डसॉल्ट ने 2024 में 21 राफेल मल्टीरोल फाइटर्स की डिलीवरी की पुष्टि की, जो 2023 में 13 थी। 31 दिसंबर 2024 तक, डसॉल्ट के बैकलॉग में 220 राफेल ऑर्डर (164 निर्यात, 56 फ्रांस) थे, जो एक साल पहले 2023 में 211 यूनिट थे।