ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। लोगों में इस बारे में राय अलग-अलग हो सकती है कि सोशल मीडिया वरदान है या अभिशाप पर उत्तर प्रदेश (उप्र) पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि इसके इस्तेमाल से कैसे लोगों की जान बचाई जा सकती है। मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से संबंधित पोस्ट की जानकारी की मदद से उप्र पुलिस ने 1 जनवरी, 2023 से अब तक 656 लोगों की जान बचाई है। सोशल मीडिया कंपनी के साथ साझेदारी के बाद से अब तक हर दिन लगभग एक जान बच रही है।
डीजीपी मुख्यालय में एक सोशल मीडिया सेंटर संबंधित अलर्ट का तेजी से विश्लेषण करता है, व्यक्ति के स्थान या पहचान का पता लगाता है और तत्काल संबंधित जिला पुलिस को सूचना करता है। इससे पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने, संकट में फंसे लोगों की काउंसलिंग करने में मदद मिलती है।
यूपी पुलिस और मेटा कंपनी के बीच 2022 से चल रही व्यवस्था के अंतर्गत अगर कोई भी शख्स फेसबुक, इंस्टाग्राम पर आत्महत्या करने से जुड़ा पोस्ट करता है तो उस संबंध में मेटा कंपनी पुलिस मुख्यालय को ई-मेल और फोन के जरिये अलर्ट भेजता है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय से संबंधित जिला पुलिस को सूचना भेजी जाती है। लखनऊ में भी मेटा के अलर्ट से पुलिस ने कई लोगों को खुदकुशी करने से बचाया है।