संजय द्विवेदी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी दूर करने के प्रयास योगी आदित्यनाथ की सरकार बड़ी तल्लीनता से कर रही है। प्रदेश सरकार अब अन्य पिछड़ा वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम तथा दक्ष बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है।
योगी सरकार की कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक व रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम शामिल करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग जल्द विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर बजट अनुमोदन की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर देगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में विभाग द्वारा युवाओं को आधुनिक तकनीकी व रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
वैश्विक तकनीकी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अत: युवाओं को अगर इसके अनुरूप प्रशिक्षित किया जाए तो वे न केवल आत्मनिर्भर बन सकेंगे बल्कि स्टार्टअप, सुरक्षा, कृषि, शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्रों में नवाचार का हिस्सा भी बन सकेंगे। इन तकनीकों का प्रशिक्षण सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को भी मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक बनेगा।
बढ़ेगा डिजिटल कौशल
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि योगी सरकार हर वर्ग को साथ लेकर उनके सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है। योगी सरकार के इसी प्रयास को गति देते हुए अब अन्य पिछड़े बेरोजार युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण में आधुनिक कोर्सेस से जोड़ने जा रही है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी चाहते हैं कि पारंपरिक कंप्यूटर कोर्सों के साथ-साथ युवाओं को ऐसे कौशल भी सिखाए जाएं जो उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ सकें।
युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
योगी सरकार द्वारा संचालित इस कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में अब एआई, ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक और रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम शामिल होंगे। अन्य पिछड़ा वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त करने के लिए प्रशिक्षण योजना की नियमावली में संशोधन किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण केंद्रों पर पाठ्यक्रमों को आधुनिक रूप से पुनःसंरचित किया जा रहा है और प्रशिक्षकों को भी नवाचारों से अपडेट किया जा रहा है। अभी तक इन प्रशिक्षण केंद्रों में ओ-लेवल और सीसीसी की कंप्यूटर ट्रेनिंग दी जा रही है।
नए प्रस्ताव में विभाग अब नए पाठ्यक्रम के अनुसार नए सिरे से प्रशिक्षण संस्थाओं का चयन करेगा जहां युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा सके। विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 29,769 युवाओं को प्रशिक्षित किया है। इसके लिए सरकार ने 32.92 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
लाभार्थियों का होगा वेरिफिकेशन
इसके साथ ही कंप्यूटर प्रशिक्षण के लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए भौतिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है ताकि वास्तविक पात्र युवाओं को ही लाभ मिल सके। साथ ही, इस योजना के क्रियान्वयन की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए समयबद्ध मॉनिटरिंग और फीडबैक तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है। यह पहल न केवल प्रदेश के तकनीकी विकास को गति देगी, बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के अभियानों को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित होगा।