संजय द्विवेदी
लखनऊ। राज्य को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के नेतृत्व में 6 विभाग (शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्राम्य विकास, राजस्व, और सचिवालय प्रशासन) एआई का अपस्किलिंग प्रोग्राम प्रारंभ करेंगे।
यह पहल न केवल कुशल वर्कफोर्स तैयार करेगी बल्कि एआई के लिए एक मजबूत ढांचा भी तैयार करेगी। इस पहल से उत्तर प्रदेश में एआई क्रांति को गति मिलेगी और सरकारी सेवाओं की दक्षता बढ़ेगी।
ऐसे चलेगा अपस्किलिंग प्रोग्राम
कार्ययोजना के अनुसार, अपस्किलिंग प्रोग्राम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर कमेटियों का गठन होगा जो प्रगति की निगरानी करेंगी।
शिक्षा विभाग स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एआई-आधारित पाठ्यक्रम शुरू करेगा। शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को एआई में एक्सपर्ट बनाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों, मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
कृषि विभाग के द्वारा किसानों, एनजीओ, प्रगतिशील किसानों, और एमएसएमई से जुड़ी महिलाओं को एआई-आधारित कृषि तकनीकों में प्रशिक्षित करनें के लिए प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
ग्राम्य विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों, महिलाओं और एनजीओ को एआई प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
राजस्व विभाग और सचिवालय प्रशासन अपने कर्मचारियों को एआई में दक्ष बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
राज्य व जिला स्तर पर होगी मॉनिटरिंग
आईटी विभाग की योजना के तहत हर महीने 1.50 लाख लोगों को एआई की अलग-अलग तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। अगले 4-6 महीनों में 10 लाख लोगों को अपस्किल्ड करने का लक्ष्य है।
मॉनिटरिंग के लिए सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (सीईसी) नोडल एजेंसी होगी। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर डीएम व मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटियां गठित होंगी। ये कमेटियां प्रगति रिपोर्ट तैयार करेंगी जिसके आधार पर विभागों और जिलों की रैंकिंग और जवाबदेही तय की जाएगी।