ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। दो सालों से पैसा न मिलने से बंद शादी अनुदान योजना एक बार फिर प्रारंभ हो गई। योगी सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 30 करोड़ का बजट दिया है।
इस बजट से यूपी में अनुसूचित जाति की 10,000 और सामान्य वर्ग की 5,000 बेटियों के हाथ पीले करने में उनके परिवारों को मदद मिलेगी। समाज कल्याण निदेशालय ने 2011 की जनगणना के आधार पर इसके लिए जिलेवार लक्ष्य तय किया है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि 31 मार्च 2025 तक हर हाल में तय लक्ष्य पूरा कर लिया जाए।
अनुसूचित जाति की बात करें तो सीतापुर जिला सबसे ऊपर है। यहां 349 अनुसूचित जाति के परिवारों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है जबकि 316 परिवारों को लाभ देने के लक्ष्य के साथ प्रयागराज जिला दूसरे और 283 परिवारों का लाभ देने के लक्ष्य के साथ आजमगढ़ जिला तीसरे नंबर पर है। सामान्य वर्ग के परिवारों को इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ का लक्ष्य आबादी के हिसाब से प्रयागराज जिले को दिया गया है। यहां सामान्य वर्ग के 146 परिवारों की बेटियों को योजना का लाभ मिलेगा। सामान्य वर्ग के लक्ष्य में दूसरे नंबर पर 123 परिवारों के साथ बरेली और तीसरे नंबर पर 115 परिवारों के साथ लखनऊ जिले को दिया गया है।
– इस वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
– सभी जिलों के लिए लक्ष्य तय 31 मार्च तक करना होगा पूरा
क्या है शादीअनुदान योजना
शादी अनुदान योजना का लाभ अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को दिया जाता है। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 46, 080 रुपये तक हो। अनुदान का लाभ तभी मिलता है जब वर की आयु 21 वर्ष और कन्या की आयु 18 वर्ष से कम न हो। अनुदान के रूप में 20,000 रुपये की राशि आवेदक के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत के मुताबिक योजना के लिए पोर्टल http://shadianudan. upsdc.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।