ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उड़ान योजना के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए संशोधित उड़ान योजना शुरू की जाएगी। इसमें 120 नए डेस्टिनेशंस होंगे और अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्री यात्रा करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में हेलीपैड और छोटे एयरपोर्ट्स को भी सपोर्ट करेगी। सीतारमण ने यह भी कहा कि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का विकास किया जाएगा। साथ ही राज्य की राजधानी पटना में मौजूदा एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि उड़ान स्कीम के तहत दो वाटर एयरोड्रोम और 13 हेलीपोर्ट सहित 88 एयरपोर्ट्स को जोड़ने वाले 619 रूट्स को अब तक चालू किया गया है। इससे 1.4 करोड़ यात्रियों को फायदा हुआ है। हालांकि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन को घटाकर 2,357.14 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त वर्ष 2024 के संशोधित बजट में मंत्रालय को 2,922.12 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार के उद्देश्य से शुरू की गई उड़ान योजना को 502 करोड़ रुपये मिले हैं जो वित्त वर्ष 2024 के संशोधित बजट में आवंटित 850 करोड़ रुपये से काफी कम है। इस स्कीम के फंड से 22 एयरपोर्ट को रिवाइव किया जाना था, 124 रूट्स को शुरू किया जाना था और पूर्वोत्तर रीजन में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए लायबिलिटी गैप फंडिंग देना था।
ड्रोन योजना को सपोर्ट
दूसरी ओर ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के बजट में बढ़ोतरी की गई है। इसका आवंटन वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 57 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमानों में यह 33 करोड़ रुपये था। सरकार एविएशन सेक्टर में टेक और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए ) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) जैसे नियामक निकायों के लिए आवंटन क्रमशः 302.64 करोड़ रुपये और 89 करोड़ रुपये किया गया है।