ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों में दहेज उत्पीड़न कानून को लेकर देश में खूब चर्चा हुई है। कई उच्च न्यायालयों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने इस कानून के बेजा इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं और कहा था कि महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने वाला यह कानून कई बार पुरुषों के उत्पीड़न का हथियार बन जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
इसी कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका पहुंची, जिसे अदालत ने दो मिनट के अंदर खारिज कर दिया। इस अर्जी में दहेज उत्पीड़न कानून के कुछ प्रावधानों की संवैधानिकता पर सवाल उठाया गया था। इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के.वी. चंद्रन की बेंच ने कहा कि आप इस मामले में संसद के पास जाएं। कोई भी कानून बनाना और उसे खत्म करना संसद का काम है।