ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में डॉक्टरों की कमी पिछले तीन सालों से दूर नहीं हो पा रही है। 27 विभागों की वेकेंसी के निकालने के बाद जुलाई में केवल 15 डॉक्टर ही मिल सके हैं। इनमें चार डॉक्टर ऐसे हैं, जो एम्स के ही हैं।
इन्हें पदोन्नति देते हुए प्रोफेसर बनाया गया है। चयनितों में से सात डॉक्टरों ने अब तक एम्स में ज्वाइनिंग नहीं दी है। ऐसे में एम्स फिर से 50 डॉक्टरों की भर्ती करने की तैयारी में है। एम्स ने जुलाई में 27 विभागों के लिए वेकेंसी निकाली थी। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से 65 डॉक्टरों ने आवेदन किए थे। इसके बाद इन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इनमें 11 डॉक्टर इंटरव्यू के बाद चयनित हुए। जबकि, चार एम्स के डॉक्टरों को पदोन्नति देते हुए प्रोफेसर बना दिया गया। अभी भी 50 डॉक्टरों के पद रिक्त है। अब एम्स इन पदों के लिए फिर से वेकेंसी निकालने की तैयारी में जुट गया है।
अभी भी एम्स में एनेस्थीसिया के दो, बायोकेमिस्ट्री के एक, ईएनटी के दो, फॉरेंसिक मेडिसिन के एक, जनरल मेडिसिन में सबसे अधिक नौ, जनरल सर्जरी, माइक्रोबायोलॉजी में दो-दो, न्यूक्लियर मेडिसिन में चार, रेडियोलॉजी में सात, ब्लड बैंक में चार, ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन में सात डॉक्टरों के पद रिक्त चल रहे हैं। सबसे अधिक दिक्क त तो रेडियोलॉजी विभाग में है। डॉक्टरों की नियुक्ति न होने से जांच तक नहीं हो पा रही है। एम्स में 183 पद डॉक्टरों के सृजित हैं। इनमें 133 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई है। एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक, प्रो. डॉ. जीके पाल ने कहा कि डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।