ब्लिट्ज ब्यूरो
हमीरपुर। हमीरपुर जिले के सुमेरपुर और मौदहा क्षेत्र के लिए हाइवे 34 के समानांतर फोरलेन सड़क स्वीकृत होना एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो रहा है। इससे इस पूरे इलाके में विकास की गति तेज होगी और व्यापार, कृषि तथा आम जनता को कई लाभ मिलेंगे। सड़क निर्माण की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय जनता में खुशी साफ दिखाई दे रही है।
उत्तर प्रदेश में यह हाइवे हमीरपुर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। करीब सैंतीस सौ करोड़ की लागत से बनने वाले इस ग्रीन फोरलेन हाइवे से न सिर्फ आम लोगों की दशा और दिशा बदलेगी बल्कि उद्योग, आवासीय और बुनियादी ढांचे की भी तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। मोदी सरकार की इस बड़ी सौगात से यहां के व्यापारी, किसान और नौजवान प्रसन्न हैं। वस्तुत: कानपुर के नौबस्ता से कबरई तक नेशनल हाइवे के समानांतरण फोरलेन हाइवे बनाने की योजना को हरी झंडी मिली थी। ग्रीन हाइवे कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर होते हुए महोबा के कबरई तक निकाले जाने का प्लान था। इसके लिए सर्वे भी शुरू हुआ था। बाद में इस फोरलेन हाइवे की दिशा को बदल दिया गया। अब ग्रीन फोरेलन हाइवे कानपुर से पश्चिम दिशा में बनाया जाएगा। हमीरपुर की बेतवा और यमुना नदी में बन रहे पुल से फोरलेन हाइवे निकालने की तैयारी की गई है।
बेरोजगारों की चमकेगी तकदीर
फोरलेन हाइवे से कृषि क्षेत्र में विकास होगा। फोरलेन के बनने से किसानों को अपनी उपज को बड़े बाजारों तक ले जाने में आसानी होगी। जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित होगी, उन्हें उचित मुआवजा और रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं। फोरलेन से आवासीय और बुनियादी ढांचे का विकास होगा, नई सड़क के आसपास होटल, ढाबे, पेट्रोल पंप और अन्य सुविधाएं विकसित होंगी, जिससे स्थानीय रोजगार बढ़ेगा।
साथ ही नए आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों का भी विस्तार होना भी तय है। लोग यह मानते हैं कि पर्यटन और परिवहन में सुधार होगा, अच्छी सड़क सुविधा से क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे स्थानीय पर्यटन स्थल और ऐतिहासिक स्थलों को बढ़ावा मिलेगा, निवेश के नए अवसर उपलब्ध होंगे, बेहतर बुनियादी ढांचे की वजह से उद्योगपति और कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगी जिससे आर्थिक उन्नति होगी। ग्रीन फोरलेन हाइवे सड़क परियोजना केवल एक सड़क निर्माण कार्य नहीं है, बल्कि यह हमीरपुर, सुमेरपुर और मौदहा क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे यातायात की सुगमता, व्यापार और रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। इस पहल से आने वाले वर्षों में बुंदेलखंड क्षेत्र और अधिक समृद्ध और विकसित हो सकेगा।